
जैविक खाद (Organic Manure) का उपयोग से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ता है | वहीं इससे पौधे से उत्पादित फसल के स्वाद एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है। जैविक खाद के प्रयोग से रासायनिक खाद के उपयोग पर निर्भरता कम होने से आपकी लागत मे भी कमी आती है | जिससे किसान भाइयों की लागत मे भी कमी आएगी और उनकी फसल उत्पादकता मे भी वृद्धि होगी | किसान फ़सलो के अवशेष,अपशिष्ट पदार्थों ,पुआल,भूसा,सुखी घास,जलकुंभी,सब्जियों के छिल्के,पशुओं के मल मूत्र,घर का कूड़ा- करकट,कचरा,पशुओं के गोबर और मूत्र आदि से बनता है |
जैविक खाद क्या है [ What is organic manure ]
फ़सलो के अवशेष और अपशिष्ट पदार्थों के अपघटन से प्राप्त होने वाले वे पदार्थ जिनका प्रायोग पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए किया जाता है उसे ही जैविक खाद कहते है । जहां एक रसायनिक खाद से सिर्फ कुछ ही पोषक तत्व हमारे पौधे को मिलते है वाहा जैविक खाद से हमे पौधे के लिए समस्त पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है । अगर आप रसायनिक खाद का प्रयोग करते है तब अगर आपको नाइट्रोजन की जरूरत होती है तो आप अपने खेतो में नाइट्रोजन युक्त खाद का प्रयोग करते है वहीं आपको पोटाश की जरूरत होती है तब आप पोटाश की छिड़काव करते है लेकिन आप अगर जैविक खाद का प्रयोग करते है तब आपको पौधे के लिए समस्त पोषक तत्व की आवश्यकता की पूर्ति बस सिर्फ जैविक खाद डालने से ही हो जाती है । जैविक खाद मिट्टी के भौतिक, रसायनिक और जैविक गुणों को सुधारने के लिए मिट्टी में पौधों के लिए आवश्यक समस्त पोषक तत्व की आपूर्ति करता है ।
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जैविक खाद के प्रकार [ Types of organic manure ]
जैविक खाद को बनाने की विधि और प्रयुक्त पदार्थ के आधार पर विभिन्न नाम दिया गया है जो की निम्नलिखित है ।
1. गोबर की खाद
2. कम्पोस्ट
3. वर्मी कम्पोस्ट
1. गोबर की खाद [ Manure ]
गोबर की खाद पशुओं के मल मूत्र और बिछावान से बनाया जाता है । इसमें पशुओं के मल मूत्र और बिछावान के अपघटन के उपरांत प्राप्त खाद को गोबर की खाद कहते है । इसमें सामान्यतः नत्रजन, फास्फोरस,और पोटाश पाया जाता है । तथा इसमें सुष्मात्रिक तत्व भी अल्प मात्रा में विद्यमान रहते है ।
2. कम्पोस्ट [ Compost ]
पौधों के अवशेष,घर का कूड़ा- करकट,कचरा,पशुओं के गोबर और मूत्र आदि से इस खाद को बनाया जाता है इसमें पौधों के अवशेष,घर का कूड़ा- करकट,कचरा,पशुओं के गोबर और मूत्र आदि का सुष्मजीवाणुओं के विषेश परिस्थितियों में विच्छेदन उपरांत प्राप्त खाद को कम्पोस्ट खाद कहते है । इसमें सामान्यतः नत्रजन, फास्फोरस,और पोटाश पाया जाता है ।
3. वर्मी कम्पोस्ट [ Vermi compost ]
बेकार कार्बनिक पदार्थों जैसे – पुआल,भूसा,सुखी घास,जलकुंभी,सब्जियों के छिल्के,पशुओं के मल मूत्र आदि से केचुओ की सहायता से बनाए गए खाद की वर्मी कम्पोस्ट कहा जाता है । इसमें सामान्यतः नत्रजन, फास्फोरस,और पोटाश पाया जाता है । इसके अतिरिक्त इसमें लाभदायक जीवाणु, हार्मोन,और एंजाइम भी पाए जाते है । इसके प्रयोग से मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है । और जल वाष्पन और मृदा अपरदान कम होता है ।

जैविक खाद के फायदे [ Benefits of organic manure ]
- जैविक खाद (Organic Manure) पौधे के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है |
- इससे पौधे से उत्पादित फसल के स्वाद एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
- जैविक खाद मे नत्रजन, फास्फोरस,और पोटाश संबंध-समतुल्य बना रहता है।
- जैविक खाद हमारे वातावरण को दूषित एवं संक्रमित होने से बचाता है।
- जैविक खाद मे भरपूर मात्रा मे सूक्ष्म पोषक तत्व पाये जाते है |
- इससे जमीन की उर्वरता शक्ति मे भी वृद्धि होती है |
- जैविक खाद के प्रयोग से रासायनिक खाद के उपयोग पर निर्भरता कम होने से आपकी लागत मे भी कमी आती है |
- भूमि की मिट्टी की जल धारण क्षमता को भी बढ़ाती है |
- जैविक खाद के प्रयोग करने से पानी का वाष्पीकरण भी कम होता है |
- इसके प्रयोग से भूमि की जल स्तर मे भी विद्धि आती है |
- इसके उपयोग करने से फसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि होती है |
निष्कर्ष [ Conclusions ]
जैविक खाद (Organic Manure) हमारे मिट्टी के लिए बहुत अच्छा होता है | इसमे नत्रजन, फास्फोरस,और पोटाश का संबंध-समतुल्य बना रहता है। जैविक खाद का प्रयोग करने से हमारी फसल भी अच्छी होती है | और इसमे कम लागत भी आता है और यह मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बनाए रखती है |
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